Thug Life Movie Review: कमजोर एक्जीक्यूशन 2.5/5

Kamal Haasan ने हिंदी थोपे जाने के मुद्दे पर दिया मजबूत बयान
Thug Life Movie Review
स्टार कास्ट: कमल हासन, सिलंबरासन टीआर, तृषा कृष्णन, ऐश्वर्या लक्ष्मी
निर्देशक: मणि रत्नम
थग लाइफ मूवी की कहानी
“ थग लाइफ ” एक ऐसे आदमी की कहानी है जिसे हर कोई धोखा देता है। साल 1994 में शक्तिवेल (कमल हासन) एक गैंगस्टर है, जो अपने भाई मणिकम (नसर) के बनाए गैंग को चलाता है। एक दिन दिल्ली के चांदनी चौक में पुलिस उनके ठिकाने पर हमला करती है। इस गोलीबारी में एक अखबार बेचने वाला मर जाता है। शक्तिवेल उसके बेटे अमर को गोद ले लेता है। अमर बताता है कि उसकी एक बहन चंदा भी है, जो उस दिन से लापता है। शक्तिवेल उसे ढूंढने का वादा करता है।
22 साल बाद, 2016 में अमर (सिलंबरासन टीआर) शक्तिवेल का खास आदमी बन जाता है। मणिकम को लगता है कि उसे अब कोई अहमियत नहीं देता, और वह जलन करने लगता है। उसी दौरान, मणिकम की बेटी आत्महत्या कर लेती है क्योंकि उसका प्रेमी रणविजय (रोहित सराफ) उसे धोखा देता है। रणविजय, शक्तिवेल के पुराने दुश्मन सदानंद (महेश मांजरेकर) का भतीजा है। शक्तिवेल रणविजय को मार देता है, जिससे सदानंद से उसकी दुश्मनी और बढ़ जाती है। शक्तिवेल जेल चला जाता है, और अमर गैंग की जिम्मेदारी लेता है।
अमर खूनखराबा रोकने के लिए सदानंद से समझौता कर लेता है, लेकिन शक्तिवेल को यह पसंद नहीं। रणविजय का भाई (अली फजल) इस समझौते से नाराज़ है और शक्तिवेल पर हमला करता है। शक्तिवेल बच जाता है, लेकिन मुसीबतें खत्म नहीं होतीं। अमर, मणिकम और गैंग के कुछ लोग मिलकर शक्तिवेल के खिलाफ साजिश रचते हैं। कहानी आगे क्या मोड़ लेती है, यही फिल्म का रोमांच है।
थग लाइफ मूवी स्टोरी रिव्यू
मणि रत्नम और कमल हासन की कहानी में ताकत है, लेकिन यह थोड़ी घिसी-पिटी भी लगती है। स्क्रीनप्ले कुछ जगहों पर दर्शकों को बांधता है, लेकिन कुल मिलाकर यह उलझी हुई और फिल्मी आजादी से भरी है। डायलॉग ठीक हैं, पर ऐसी फिल्म में कुछ जोरदार डायलॉग होने चाहिए थे।
मणि रत्नम का निर्देशन कुछ जगहों पर अच्छा है। आखिरी एक घंटे में वे दर्शकों को बांधने में कामयाब होते हैं। गोवा में बम विस्फोट से पहले और बाद का सीन याद रहता है। क्लाइमेक्स थोड़ा कमजोर है, लेकिन फिर भी दर्शकों को पकड़ता है। फिल्म की शुरुआत स्टाइलिश है और ब्लैक एंड व्हाइट का इस्तेमाल इसे खास बनाता है।
लेकिन, शानदार शुरुआत के बाद फिल्म धीरे-धीरे कमजोर पड़ती है। सीन ठीक से नहीं जुड़ते, जो इतने अनुभवी डायरेक्टर के लिए चौंकाने वाला है। इंटरवल के बाद फिल्म और कमजोर हो जाती है। एक किरदार को दो गोलियां लगती हैं, वह ठंड में ऊंचाई से गिरता है, लेकिन फिर भी मामूली चोट के साथ बच जाता है। यह हिस्सा बिल्कुल अवास्तविक लगता है, जबकि पहला हाफ रियलिस्टिक गैंगस्टर ड्रामा जैसा था।
थग लाइफ मूवी परफॉरमेंसेज
कमल हासन ने शानदार अभिनय किया है, जैसा कि उनसे उम्मीद थी। वे एक्शन दृश्यों में विश्वसनीय लगते हैं और भावनात्मक दृश्यों में चमकते हैं। सिलंबरासन टीआर ने भी अच्छा काम किया है। तृषा कृष्णन (इंद्राणी) बहुत खूबसूरत लगती हैं, लेकिन उनकी भूमिका छोटी है। अभिरामी (जीवा) कुछ दृश्यों में यादगार हैं। नसर हमेशा की तरह बेहतरीन हैं। अली फजल का स्क्रीन टाइम कम है और वे मिर्जापुर जैसे ही लगते हैं। ऐश्वर्या लक्ष्मी (अन्ना) कमाल की हैं, लेकिन उनकी भूमिका भी छोटी-सी है।
थग लाइफ मूवी म्यूजिक एंड टेक्निकल एस्पेक्ट्स
एआर रहमान का संगीत ठीक-ठाक है। ‘जिंगुचा’ सबसे अच्छा गाना है, और ‘शुगर बेबी’, ‘वीर-ए-कैनात’ व ‘चाँद के टुकड़े’ भी अच्छे हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक कुछ जगहों पर अच्छा है, लेकिन कुछ दृश्यों में अचानक शुरू हो जाता है।
रवि के चंद्रन की सिनेमैटोग्राफी बहुत बढ़िया है। अन्बारिव का एक्शन मजेदार है, हालाँकि कुछ सीन परेशान करने वाले हैं। शर्मिष्ठा रॉय का प्रोडक्शन डिजाइन वास्तविक लगता है, और एका लखानी व अमृता राम के कॉस्ट्यूम्स भी सटीक हैं। कमल हासन का मेकअप भी शानदार है।
थग लाइफ मूवी कंक्लूजन
कुल मिलाकर, थग लाइफ कमजोर एक्जीक्यूशन और पोस्ट-इंटरवल के सिली ट्विस्ट्स की वजह से दर्शकों को इम्प्रेस नहीं कर पाती। हिंदी वर्जन लिमिटेड बज के साथ रिलीज हुई है और हाउसफुल 5 जैसी स्ट्रॉन्ग कंपटीशन का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी।
रेटिंग: ⭐⭐½ (2.5/5)
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