Stolen Movie Review: सच्चाई का ऐसा झटका कि दिल दहल जाए 3.5/5

Stolen Movie Review : अभिषेक बनर्जी और शुभम वर्धन की शानदार अभिनय क्षमता वाली यह फिल्म अपनी वास्तविकता और रोमांचक कहानी के लिए देखने लायक है।
रेटिंग: 3.5/5
स्टार कास्ट: अभिषेक बनर्जी, शुभम वर्धन, मिया मेल्ज़र
निर्देशक: करण तेजपाल
Stolen Movie Review
“Stolen” दो भाइयों की कहानी है जो एक अजीबोगरीब घटना में फंस जाते हैं। गौतम बंसल ( अभिषेक बनर्जी ) कुम्भा रेलवे स्टेशन पर अपने भाई रमन बंसल उर्फ़ रैंबो ( शुभम वर्धन ) को लेने पहुँचता है। अगले दिन उनके परिवार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। रमन जैसे ही ट्रेन से उतरता है, वैसे ही एक अपहरणकर्ता झुम्पा ( मिया मेल्ज़र ) की पांच महीने की बेटी चंपा को लेकर भागता है और रमन से टकरा जाता है।
पहले तो रमन पर ही बच्चा चुराने का आरोप लगता है। पुलिस जांच शुरू करती है और चाय वाले लड़के का पता चलता है, जो अपहरण में शामिल होने का इकबालिया बयान देता है। वह बताता है कि अपहरणकर्ता ‘कसुनी कोठी’ (प्रेतबाधित हवेली) में छिपा हुआ है। पुलिस वहाँ जाने से हिचकिचाती है, लेकिन रमन और गौतम को अपने साथ ले जाती है। आगे क्या होता है, यही फिल्म की कहानी है।
Stolen की कहानी
करण तेजपाल, स्वप्निल सलकर और गौरव धींगरा की कहानी वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। पटकथा ज़्यादातर हिस्सों में दर्शकों को बांधे रखती है। संवाद जीवंत और यथार्थपूर्ण हैं।
करण तेजपाल का निर्देशन सराहनीय है। फिल्म की लंबाई मात्र 93 मिनट है, और खासकर दूसरे हाफ में यह दर्शकों को एज-ऑफ-द-सीट थ्रिल देती है। यह फिल्म इसलिए भी प्रासंगिक है क्योंकि यह बच्चों के अपहरण के संदेह में निर्दोष लोगों पर होने वाले हमलों पर आधारित है। फिल्म की शुरुआत से ही कई मोड़ ऐसे हैं जो दर्शकों को हैरान करते हैं। झुम्पा का किरदार भी बेहद रहस्यमय है—क्या वह पीड़ित है या खुद अपराधी? यह सवाल दर्शक के मन में बना रहता है।
हालाँकि, कुछ घटनाक्रम अविश्वसनीय लगते हैं, खासकर जिस तरह से गौतम और रमन इस पूरे मामले में फंसते हैं। उनका बैकस्टोरी ठीक से स्थापित नहीं हो पाता, जिससे फिल्म का प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही, कुछ दृश्य डिस्टर्बिंग हैं और फिल्म की execution फिल्म फेस्टिवल वाली है, इसलिए यह हर तरह के दर्शकों के लिए नहीं है।
अभिनय
अभिषेक बनर्जी ने अपने पहले लीड रोल में शानदार अभिनय किया है। उनका किरदार एक अहंकारी आदमी से लेकर परिस्थितियों के आगे झुकने वाले इंसान तक का सफर तय करता है, और वे इसे बखूबी निभाते हैं। शुभम वर्धन का स्क्रीन प्रेजेंस अच्छा है और वे अपने रोल में पूरी तरह फिट बैठते हैं। मिया मेल्ज़र एक बड़ा सरप्राइज हैं और उनका अभिनय देखने लायक है। हरीश खन्ना, साहिदुर रहमान और सार्थक देवान जैसे सहायक कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है।
संगीत और तकनीकी पहलू
आर्पाड बॉन्डी का संगीत मिनिमल है, लेकिन प्रभावी। इशान घोष की सिनेमैटोग्राफी फिल्म की वास्तविकता को और बढ़ा देती है। बब्बू खन्ना की एक्शन, नीरज कुमार सिंह का प्रोडक्शन डिज़ाइन और हर्ष देदिया के कॉस्ट्यूम्स भी सराहनीय हैं। श्रेयस बेलतंगडी की एडिटिंग स्लिक है।
“Stolen” अपनी वास्तविकता, शानदार अभिनय और रोमांचक पलों के कारण दर्शकों पर असर छोड़ती है। हालाँकि, यह फिल्म हर किसी के टेस्ट को नहीं भाती, लेकिन जो लोग डार्क और इंटेंस थ्रिलर पसंद करते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकती है।
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