Metro In Dino Movie Review – अनुराग बसु एक बार फिर दिल को छू लेने वाली कहानी लेकर लौटे हैं—‘Metro In Dino’, जो उनके 2007 की फिल्म ‘Life In A… Metro’ का स्पिरिचुअल सीक्वल माना जा रहा है। करीब 18 साल बाद वही शहरी अकेलापन, वही रिश्तों की उलझनें और वही दिल में हलचल पैदा करने वाली कहानी एक बार फिर हमारे सामने है।
इस फिल्म में आधुनिक समय के रिश्तों को खूबसूरती से दिखाया गया है, और अनुराग बसु अपने खास स्टाइल में कहानी कहने के तरीके से फिर साबित करते हैं कि प्यार, दर्द, और उम्मीदें समय के साथ भले ही बदलती दिखें, पर उनकी भावनाएं वही रहती हैं।
Metro In Dino Movie Review : कहानी की परतें – 4 जोड़ियों की 4 अलग कहानियां
फिल्म की कहानी चार मुख्य जोड़ियों के इर्द-गिर्द घूमती है—
- काजोल और मोंटी (कोंकणा सेन शर्मा और पंकज त्रिपाठी)
- चुमकी और पार्थ (सारा अली खान और आदित्य रॉय कपूर)
- श्रुति और आकाश (फातिमा सना शेख और अली फज़ल)
- शिबानी और परीमल (नीना गुप्ता और अनुपम खेर)
इन चारों जोड़ियों की ज़िंदगी आपस में किसी न किसी मोड़ पर जुड़ती है, और फिल्म हमें दिखाती है कि कैसे हर रिश्ते की अपनी पेचीदगियाँ होती हैं—चाहे वो नया प्यार हो, पुराना रिश्ता हो, टूटा हुआ भरोसा हो या फिर अधूरी चाहतें।
#MetroInDinoReview : ⭐️⭐️⭐️
— Always Bollywood (@AlwaysBollywood) July 4, 2025
A relatable portrayal of the relationship dilemmas faced by modern couples , nuanced performances & decent writing makes it a watchable movie.#MetroInDino resonates with the urban crowd, especially those who’ve experienced the blurry lines between… pic.twitter.com/5mAJHCL0zR
REVIEW – Metro In Dino
— Sumit Kadel (@SumitkadeI) July 4, 2025
Rating – ⭐️⭐️⭐️#MetroInDino carries glimpses of #AnuragBasu’s signature storytelling, but the emotional connect remains inconsistent throughout the narrative . The first half is quite good- engages well, but the second half struggles to maintain… pic.twitter.com/VnC1ctiOZO
#MetroInDino Review
— Filmfare (@filmfare) July 4, 2025
“While the film has its flaws, Anurag Basu still manages to craft a romantic drama that doesn’t flinch from real emotions. In an era of half-hearted filmmaking, Metro… In Dino is an earnest attempt at genuine storytelling,” says Devesh Sharma
Rating: 3.5/5… pic.twitter.com/delrlxmQDZ
#MetroInDino : ⭐⭐⭐½
— Asad (@KattarAaryan) July 2, 2025
Metro… In Dino is a heartwarming and nicely shot film about different people and their relationships in a big city. It’s a sequel to Life in a… Metro, and it has that same emotional vibe.
The music by #Pritam is really good and adds a nice feel to the… pic.twitter.com/bGhvujijoz
पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा की जोड़ी – उम्रदराज़ रिश्तों की सच्चाई
फिल्म का सबसे असरदार हिस्सा मोंटी और काजोल की कहानी है। एक ऐसा शादीशुदा जोड़ा जो अब उम्र के उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ प्यार से ज्यादा समझदारी की ज़रूरत होती है। पंकज त्रिपाठी की सहजता और कोंकणा की जटिलता इस कहानी को असल ज़िंदगी के करीब ले आती है।
उनकी बेटी की जेंडर आइडेंटिटी पर फिल्म बिना शोर के बात करती है—जो अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है।
सारा और आदित्य की जोड़ी – आज के रिश्तों की उलझन
चुमकी और पार्थ, यानि सारा अली खान और आदित्य रॉय कपूर, आज के युवा रिश्तों की एक बेमिसाल तस्वीर पेश करते हैं। चुमकी जहां सोशलली ऑकवर्ड है, वहीं पार्थ में वह आकर्षण है जो उसके दिल की उलझनों को सुलझा सकता है।
इस जोड़ी के सीन्स मजेदार भी हैं और सोचने पर मजबूर करने वाले भी। खासकर वो पल जब दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं।
फातिमा और अली फज़ल – करियर बनाम प्यार की जंग
श्रुति और आकाश की कहानी आज के दौर के उस स्ट्रगल को दिखाती है जहाँ युवा अपने करियर और रिश्तों के बीच झूलते रहते हैं। अली फज़ल अपने किरदार में एक मिसफिट की तरह दिखते हैं, लेकिन फातिमा ने इस रोल को एक गहराई दी है जो दर्शकों को बांधकर रखती है।
नीना गुप्ता और अनुपम खेर – उम्र के उस पड़ाव पर भी प्यार
इस जोड़ी की कहानी इस बात को बयां करती है कि प्यार का कोई उम्र नहीं होता। जब वे कॉलेज के पुराने दोस्तों की तरह मिलते हैं, तो उसमें एक मासूमियत होती है, जो दिल छू जाती है।
डायरेक्शन – अनुराग बसु का जादू
अनुराग बसु ने इस फिल्म को कवितामय अंदाज़ में बुना है। कई बार फिल्म चौथी दीवार तोड़ती है, यानी कि किरदार सीधे दर्शकों से बात करते हैं—शुरुआत में यह थोड़ा असहज लगता है, लेकिन फिर कहानी अपनी रफ्तार पकड़ती है।
फिल्म में न तो कोई हीरो है और न कोई विलेन। हर किरदार ग्रे ज़ोन में है, जैसा कि असल ज़िंदगी में होता है।
म्यूजिक – प्रीतम की धुनों में रिश्तों की मिठास
‘Life In A Metro’ की तरह इस फिल्म का संगीत भी इसकी जान है। प्रीतम, पापोन और राघव चैतन्य की जोड़ी यानी Metro Band एक बार फिर स्क्रीन पर दिखाई देती है। गानों में दर्द भी है, प्यार भी और वो अहसास भी जो शब्दों से ज़्यादा असर करता है।
“Tumhare Shehar Ka Mausam” और “Woh Jo Hum Mein Tum Mein Qarar Tha” जैसे गाने फिल्म के मूड को और गहरा बना देते हैं।
तकनीकी पक्ष – एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी
बोधादित्य बनर्जी की एडिटिंग शानदार है। हर कहानी का ट्रांजिशन इतना स्मूथ है कि दर्शक कब एक जोड़ी से दूसरी पर पहुँच जाते हैं, उन्हें पता ही नहीं चलता।
कैमरा वर्क भी शानदार है—हर शहर की रौनक, हर चेहरे की बेचैनी और हर पल की खुशी स्क्रीन पर बखूबी उतारी गई है।
पर्फॉर्मेंस की बात करें तो –
- पंकज त्रिपाठी – एक बार फिर साबित किया कि वे हर किरदार को अपने नाम कर सकते हैं।
- कोंकणा सेन शर्मा – एक असहज महिला की भूमिका में बेहद असरदार।
- सारा अली खान – शायद उनका अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन।
- आदित्य रॉय कपूर – रोमांटिक और उलझे हुए किरदार में फिट।
- नीना गुप्ता और अनुपम खेर – प्यार की सादगी को खूबसूरती से दर्शाया।
Metro In Dino फिल्म क्यों देखें?
- अगर आपको असली ज़िंदगी के रिश्तों की कहानियां पसंद हैं
- अगर आप म्यूजिक-ड्रिवन नैरेटिव को पसंद करते हैं
- अगर आपने Life In A Metro को पसंद किया था
- और अगर आप एक ऐसा अनुभव चाहते हैं जो दिल को छू जाए और दिमाग को भी सोचने पर मजबूर करे, तो यह फिल्म आपके लिए है।
कमज़ोर कड़ियाँ
- फिल्म कुछ जगहों पर थोड़ी लंबी महसूस होती है
- कुछ सीन्स जरूरत से ज़्यादा ड्रामेटिक लगते हैं
- चौथी दीवार को तोड़ने वाला फॉर्मेट सभी को नहीं भा सकता
Metro In Dino एक ऐसी फिल्म है जो बताती है कि रिश्ते कभी आसान नहीं होते, लेकिन अगर आप सच्चे दिल से समझें, तो उनमें खूबसूरती और अपनापन आज भी बचा है।
यह फिल्म न केवल एक मनोरंजन का जरिया है, बल्कि एक अनुभव है—जो आपको अपने रिश्तों को फिर से देखने पर मजबूर करेगा।
⭐ Final Rating: 3.5/5
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