एक युग का अंत: 20 जुलाई 2025 को चंद्रा बारोट ने कहा अलविदा
20 जुलाई 2025 को भारतीय सिनेमा ने अपने एक बेमिसाल रचनात्मक निर्देशक को खो दिया। Chandra Barot, जिनकी पहचान हमेशा डॉन (1978) फिल्म से जुड़ी रहेगी, 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के गुरु नानक अस्पताल में निधन हो गया।
Chandra Barot ने फिल्म इंडस्ट्री और सिनेप्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ा दी। उनकी पत्नी दीपा बारोट ने बताया कि वे पिछले सात वर्षों से पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे।
Saddened to hear about the demise of veteran filmmaker #ChandraBarot ji, the director of the iconic original #Don [1978]… Heartfelt condolences to his family and loved ones… #OmShanti 🙏🙏🙏 pic.twitter.com/uaWGEwpDEP
— taran adarsh (@taran_adarsh) July 20, 2025
चंद्रा बारोट: एक सादगी भरा लेकिन प्रेरणादायक जीवन
Chandra Barot का जीवन संघर्ष, सादगी और सिनेमा के प्रति समर्पण की कहानी है। उनका जन्म तंजानिया में हुआ था, जहाँ वे डार-एस-सलाम के बार्कलेज बैंक में काम करते थे। लेकिन 1967 के नस्लीय दंगों के चलते उन्हें भारत आना पड़ा।
भारत आकर उन्होंने मनोज कुमार के साथ सहायक निर्देशक के रूप में करियर की शुरुआत की।
उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं:
- पूरब और पश्चिम (1970)
- शोर (1972)
- रोटी कपड़ा और मकान (1974)
इन फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में उन्होंने तकनीकी दक्षता और कहानी कहने की बारीकियाँ सीखी।
DON (1978): एक क्रांतिकारी फिल्म का निर्माण
DON फिल्म डायरेक्टर Chandra Barot ने जब 1978 में डॉन बनाई, तब किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह फिल्म बॉलीवुड की एक कल्ट क्लासिक बन जाएगी।
📖 कहानी और निर्माण:
- फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी सलीम-जावेद ने।
- नायक थे अमिताभ बच्चन, जो डॉन और विजय – दो किरदारों में नज़र आए।
- निर्माता थे नरीमन ईरानी, जो चंद्रा बारोट के अच्छे मित्र और कैमरा मैन भी थे।
नरीमन आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। ऐसे में चंद्रा ने उनके लिए यह फिल्म बनाई। अमिताभ बच्चन, जीनत अमान और प्राण ने भी कम पारिश्रमिक लेकर फिल्म को पूरा करने में मदद की।
💡 विशेष तथ्य:
- सलीम-जावेद की इस स्क्रिप्ट को शुरू में देव आनंद, धर्मेंद्र और जीतेन्द्र ने ठुकरा दिया था।
- चंद्रा ने स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव किए और अपनी दृष्टि के अनुसार इसे निर्देशित किया।
- शुरुआत में फिल्म को ठंडी प्रतिक्रिया मिली, लेकिन मुंहज़बानी प्रचार (word of mouth) ने इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया।
🎶 यादगार पहलू:
- “खाइके पान बनारस वाला”
- “डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है”
- “मैं हूँ डॉन”
इन संवादों और गीतों ने फिल्म को कालजयी बना दिया।
चंद्रा बारोट और अमिताभ बच्चन: गहरी दोस्ती की मिसाल
चंद्रा बारोट और अमिताभ बच्चन की दोस्ती की शुरुआत फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के सेट पर हुई थी।
डॉन के दौरान यह रिश्ता और भी प्रगाढ़ हो गया। अमिताभ ने जब चंद्रा के निधन की खबर सुनी तो उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा:
"आज सुबह मेरे प्रिय मित्र और डॉन के निर्देशक चंद्रा बारोट का निधन हो गया। यह नुकसान मेरे लिए व्यक्तिगत है। वह मेरे लिए परिवार से बढ़कर थे।"
— Amitabh Bachchan tribute to Chandra Barot
चंद्रा ने अमिताभ की अभिनय क्षमता को जिस तरह से उभारा, खासतौर पर डबल रोल में, वह आज भी फिल्मी दुनिया में उदाहरण के रूप में देखा जाता है।
डॉन की विरासत: रीबूट्स और आधुनिक संस्करण
🎥 Farhan Akhtar Don Reboot:
- 2006 में फरहान अख्तर ने डॉन: द चेज़ बिगिन्स अगेन नाम से इस फिल्म का रीमेक बनाया, जिसमें शाहरुख खान मुख्य भूमिका में थे।
- 2011 में Don 2 ने इस फ्रैंचाइज़ी को और आगे बढ़ाया।
फरहान अख्तर ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा:
“अगर चंद्रा बारोट ने 1978 में डॉन नहीं बनाई होती, तो मैं ये रीबूट करने की हिम्मत न जुटा पाता।”
🆕 DON 3 में रणवीर सिंह की एंट्री:
फरहान अब DON 3 पर काम कर रहे हैं, जिसमें रणवीर सिंह और कृति सेनन नजर आएंगे।
यह फिल्म चंद्रा बारोट की बनाई विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाएगी।
🌍 क्षेत्रीय सिनेमा में प्रभाव:
- तेलुगु में “युगंधर” (1979)
- तमिल में “बिल्ला” (1980)
डॉन की कहानी ने पूरे भारत को प्रभावित किया।
अंतिम दिन और संघर्ष
Chandra Barot Don director पिछले 7 वर्षों से पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे।
- उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें गुरु नानक अस्पताल में भर्ती किया गया था।
- इससे पहले वे जसलोक अस्पताल में भी इलाज के लिए भर्ती हो चुके थे।
- पत्नी दीपा बारोट और बेटे ने अंतिम समय में उनका साथ दिया।
अन्य फिल्में और अधूरी परियोजनाएं
डॉन की सफलता के बाद चंद्रा ने कुछ और प्रोजेक्ट्स शुरू किए, लेकिन वे डॉन जैसी लोकप्रियता नहीं हासिल कर पाए।
📽️ प्रमुख फिल्में:
- आश्रिता (बंगाली, 1989)
- प्यार भरा दिल (1991)
❌ अधूरी फिल्में:
- बॉस
- नील को पकड़ना… इम्पॉसिबल
इन प्रोजेक्ट्स के अधूरे रहने का उन्हें अफसोस रहा।
इंडस्ट्री और फैंस की श्रद्धांजलि
Chandra Barot death news के बाद बॉलीवुड और दर्शकों ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं प्रकट कीं।
🎤 फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रियाएं:
- Farah Khan: “डॉन ने सिनेमा को नया अंदाज़ दिया। चंद्रा बारोट जी की कमी हमेशा महसूस होगी।”
- Eesha Koppikar: “एक जीनियस डायरेक्टर को खो दिया हमने।”
📱 सोशल मीडिया पर भावनाएं:
- @cinemaazi: “चंद्रा बारोट की डॉन ने स्टाइल, सस्पेंस और संगीत के साथ बॉलीवुड को नई पहचान दी।”
- @kamaalrkhan: “डॉन के निर्देशक चंद्रा बारोट का निधन — उनकी आत्मा को शांति मिले।”
प्रशंसकों ने “मैं हूँ डॉन” जैसे डायलॉग्स और गानों को सोशल मीडिया पर साझा किया और उन्हें याद किया।
चंद्रा बारोट की अमर विरासत
Chandra Barot Don director के रूप में उनका योगदान सिर्फ एक फिल्म तक सीमित नहीं था।
🔹 क्यों डॉन अमर है:
- फिल्म ने एक्शन-थ्रिलर जॉनर को नई दिशा दी।
- सलीम-जावेद की स्क्रिप्ट, कल्याणजी-आनंदजी का संगीत, और अमिताभ की एक्टिंग – इस त्रिकोण को चंद्रा ने मास्टरपीस बना दिया।
- उन्होंने अपने दोस्त नरीमन ईरानी की मदद के लिए फिल्म बनाई – यह सच्चा दोस्ती का प्रतीक है।
🔹 आज की पीढ़ी पर प्रभाव:
- फरहान अख्तर की डॉन और रणवीर सिंह की डॉन 3 उनकी विरासत को जीवंत रखते हैं।
- हर बार जब “मैं हूँ डॉन” गूंजता है, एक बार फिर चंद्रा बारोट को याद किया जाता है।
Chandra Barot death news ने हम सबको फिर से 70 के दशक की उस जादुई फिल्म ‘डॉन’ की याद दिला दी। उनकी जीवनी (Chandra Barot biography in Hindi) हमें यह सिखाती है कि जुनून, दोस्ती और सादगी के साथ सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।